40+ Desh bhakti quotes in hindi/देश भक्ति शायरी सुविचार
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं.
हँसते-हँसते फाँसी चढ़कर अपनी जान गवा दी,
और बदले में दे दी ये पावन आजादी.
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. इस दिन को झंडा फहराने का कार्यक्रम, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। हम इस दिन अपने कपड़े, सामान, वाहनों और घरों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाकर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं.
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,
देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं.
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे.
लड़ें वो बीर जवानों की तरह,
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए,
तभी तो देश आज़ाद हुआ.
लिख रहा हूँ मैं अंजाम,
जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त,
बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान.
मैं जला हुआ राख नही,
अमर दीप हूँ, जो मिट गया वतन पर,
मैं वो शहीद हूँ.
भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मै
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना.
फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब…
पूछ के नहीं की जाती.
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं…!!!
तीन रंग का नही वस्त्र,
ये ध्वज देश की शान हैं,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय,
यही हिन्द की जान हैं,
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं.
तिरंगे ने मायूस होकर “सरकार”
से पूछा कि ये क्या हो रहा हैं,
मेरा लहराने में कम और कफन में
ज्यादा इस्तेमाल हो रहा हैं.
चढ़ गये जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली, हम उनको प्रणाम करे हैं, जो मिट गये देश पर, हम सब उनको सलाम करते हैं.
चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं.
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का,
शहीदों के लहूँ से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं.
गूँजे कहीं पर शंख,
कही पे अजाँ हैं, बाइबिल है,
ग्रन्थ साहब है,
गीता का ज्ञान हैं,
दुनिया में खी और यह मंजर नसीब नही,
दिखाओ जमाने को यह हिन्दुस्तान हैं.
“सीमा नहीं बना करतीं हैं काग़ज़ खींची लकीरों से,
ये घटती-बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से.
फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं,
ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं.
हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर देश के प्रति अपना फर्ज निभायेंगे. जरूरत पड़ी तो लहू का एक-एक कतरा देकर इस धरती का कर्ज चुकायेंगे.
सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा हैं,
वो धरती माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा हैं.
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं,
उन सिपाहियों को रात-रत नमन करो,
मौत के साए में जो जिए जाते हैं.
भारत की सेना का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा और राष्ट्र की एक एकता को सुनिश्चित करना,
देश को बाहरी और आंतरिक खतरों से सुरक्षा प्रदान करना और सीमा पर शांति और सुरक्षा को बनायें रखना हैं. देश के सैनिकों के बलिदान का कर्ज हम कभी नही चुका सकते हैं, वो कड़ाके के ठंड में,
धुप और बरसात में दिनरात सरहद की सुरक्षा करते हैं और उन्हीं की वजह से हम अपने घरो में चैन से सोते हैं.
दूध और खीर की बात करते हों,
हम तुम्हे कुछ भी नही देंगे,
कश्मीर की तरफ नजर भी उठाया,
तो लाहौर भी छीन लेंगे.
जहर पिलाकर मजहब का,
इन कश्मीरी परवानों को,
भय और लालच दिखलाकर तुम भेज रहे नादानों को,
खुले प्रशिक्षण,
खुले शस्त्र है खुली हुई शैतानी है,
सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है,
जब हम तुम अपने महबूब की आँखों में खोये थे,
जब हम तुम खोयी मोहब्बत के किस्सों में खोये थे,
सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,
वो माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था.
किसी गजरे की ख़ुशबू को महकता छोड़ के आया हूँ,
मेरी नन्ही से चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ. — मेरे जज्बातों से मेरा कलम इस कदर वाकिफ हो जाता हैं,
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इन्कलाब लिखा जाता हैं. —
अपना घर छोड़ कर,
सरहद को अपना ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर,
देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया.
कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूप में जल के देख लेना,
कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना
अलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष, परिवेश पर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ.
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही ! सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!!
दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं..!
मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हुँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा,
बस यही अरमान रखता हूँ.
चैन ओ अमन का देश है मेरा,
इस देश में दंगा रहने दो लाल हरे में मत बांटो,
इसे शान ए तिरंगा रहने दो
दिलों की नफरत को निकालो वतन के इन दुश्मनों को मारो ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन भारत माँ के सम्मान को बचा लो
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा
ये मुल्क मेरी जान है इसकी
रक्षा के लिए मेरा दिल और जां
कुर्बान है
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे
हर बरस मेले, वतन पे मर
मिटनेवालों का बाकी यही निशां
होगा
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट
सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी
मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर
मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न
मेरा, बस यही अरमान रखता
हूँ।
जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है अपने खूं
से जिस जमीं को सींचा उन
बहादुरों को सलाम है..
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